उज्जैन-गरोड रोड पवासा रेलवे ब्रिज पर भीषण ट्रक हादसा - ड्राइवर की मौत
उज्जैन – गरोड़ रोड पवासा रेलवे ब्रिज पर भीषण ट्रक हादसा - ड्राइवर की मौत की आशंका
तारीख: 9 जुलाई 2025
समय: रात 2:00 बजे लगभग
स्थान: पवासा रेलवे ब्रिज, उज्जैन, मध्यप्रदेश
हादसे का संपूर्ण विवरण:
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान:
रास्ते से गुजर रहे स्थानीय लोगों और वाहन चालकों के अनुसार रात के करीब 2 बजे जोरदार टक्कर की आवाज सुनाई दी। जब वे मौके पर पहुँचे तो ट्रक पूरी तरह से डिवाइडर पर चढ़ा हुआ था और उसका अगला हिस्सा खंभे में घुसा हुआ था। ट्रक में रखी लोहे की लंबी बीमें पूरी सड़क पर और ब्रिज के किनारे नीचे खेतों तक बिखर गई थीं।
पुलिस और रेस्क्यू टीम की कार्रवाई:
हादसे की सूचना मिलते ही नजदीकी थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची। घटनास्थल पर पहुंचते ही पुलिस ने रेस्क्यू कार्य शुरू किया और ड्राइवर को बाहर निकालने की कोशिशें शुरू की गईं। चूँकि ट्रक का केबिन बेहद क्षतिग्रस्त था, ड्राइवर के शव को बाहर निकालने के लिए हाइड्रा मशीन मंगवाई गई। सुबह करीब 7:30 बजे तक रेस्क्यू कार्य जारी था। पुलिस ने बताया कि अभी तक मृतक ड्राइवर की पहचान नहीं हो सकी है।
घटनास्थल का दृश्य:
घटनास्थल की तस्वीरों में साफ दिखाई देता है कि ट्रक डिवाइडर के ऊपर चढ़ा हुआ है। सामने की खिड़की पूरी तरह से फटी हुई है और कांच के टुकड़े बिखरे पड़े हैं। लोहे की बीमें ब्रिज के दोनों तरफ बिखरी हुई हैं और कई बीमें नीचे खेतों तक जा पहुँची हैं। ट्रक के चारों तरफ मलबा, टायर के निशान और टूटी हुई सामग्री फैली हुई है।
हादसे के संभावित कारण:
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तेज गति: रात के समय आमतौर पर ट्रक ड्राइवर कम ट्रैफिक का फायदा उठाकर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं। तेज गति के कारण वाहन पर से नियंत्रण हटना सबसे आम कारण हो सकता है।
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थकान या झपकी: देर रात ड्राइविंग करने वाले चालकों में झपकी आना या थकान के चलते ध्यान भटकना आम समस्या होती है।
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लो लाइट और विजिबिलिटी: पवासा ब्रिज पर प्रकाश की व्यवस्था संतोषजनक नहीं बताई जा रही है, जिससे दृश्यता पर असर पड़ सकता है।
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लोडिंग असंतुलन: भारी माल को संतुलन के साथ नहीं लादने पर वाहन अस्थिर हो जाता है, जो मोड़ या ब्रिज पर घातक साबित हो सकता है।
ड्राइवर की स्थिति:
ड्राइवर के केबिन में फंसे होने के कारण उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस के अनुसार, शव बुरी तरह फंसा हुआ है और पहचानने योग्य नहीं है। पोस्टमार्टम के बाद ही सही जानकारी सामने आ सकेगी।
माल की स्थिति:
ट्रक में लदा माल – मुख्यतः लोहे की बीम और स्टील रॉड – पूरे इलाके में बिखर गया है। कुछ बीमें खेतों में गिर गई हैं और कुछ सड़क के किनारे पड़ी हैं। इससे यातायात बाधित हुआ है।
प्रशासन की कार्रवाई:
पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर ब्रिज पर ट्रैफिक को रोक दिया और वैकल्पिक मार्ग से वाहनों को डायवर्ट किया गया। फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमों को भी अलर्ट कर दिया गया। ट्रक को हटाने के लिए क्रेन की मदद ली जा रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने हादसे पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इस ब्रिज पर पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन रात के समय पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। कुछ लोगों ने कहा कि यहां स्पीड ब्रेकर या चेतावनी बोर्ड लगाने की ज़रूरत है।
यातायात पर असर:
ब्रिज से गुजरने वाला यातायात पूरी तरह से ठप रहा। सुबह ऑफिस और स्कूल जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लगभग 10 बजे तक सड़क को आंशिक रूप से चालू किया गया।
प्रशासन की ओर से बयान:
उज्जैन ट्रैफिक थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे की गंभीरता को देखते हुए रोड पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जाएगी और संबंधित विभाग को सुधार के निर्देश दिए जाएंगे।
भविष्य के लिए सुझाव:
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ब्रिज पर अति तीव्र गति को नियंत्रित करने हेतु CCTV कैमरे लगाए जाएं।
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रात में रोशनी बढ़ाने के लिए हाई मास्ट लाइट्स लगाई जाएं।
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चालकों की सेहत और ड्राइविंग घंटे सीमित किए जाएं।
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ओवरलोडिंग और अनियंत्रित लोडिंग पर जुर्माना बढ़ाया जाए।
निष्कर्ष:
उज्जैन के पवासा ब्रिज पर हुआ यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारे हाईवे और ब्रिज वाकई सुरक्षित हैं? रात के समय भारी वाहन चलाना कितना जोखिम भरा हो सकता है, यह घटना उसका जीता-जागता उदाहरण है। इस हादसे ने एक परिवार से उसका कमाने वाला सदस्य छीन लिया। ज़रूरत है कि प्रशासन, परिवहन विभाग और वाहन चालक सभी अपनी ज़िम्मेदारी को गंभीरता से लें ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
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